How Does a Voltage Stabilizer work ? Voltage Stabilizer क्या है और यह कैसे काम करता है ?
हेलो दोस्तों आज हम इस ब्लॉग में वॉल्ट्ज स्टेबलाइजर के बारे में चर्चा करेंगे और यह जानेंगे की यह क्या है और कैसे काम करता है साथ ही इसका क्या उपयोग है।
दोस्तों वोल्टेज स्टेबलाइजर का अधिकतर उपयोग हम घरो में करते है , यह हमारे घर में आने वाले वोल्टेज को स्थिर (constant ) रखता है ,अगर हमारे घर की इनपुट वोल्टेज कम आ रही है तो यह उसे वोल्टेज को बढ़ाकर (स्टेपअप ) स्थिर वोल्टेज पर ले आती है ठीक इसी प्रकार जब हमारी इनपुट वोल्टेज ज्यादा (हाई ) आती है तो यह उसे घटाकर (step down ) कर के स्थिर वोल्टेज (230 V ) पर ले आती है जिससे की हमारे घर में लगे इलेक्ट्रिक उपकरण सही तरीके से काम है अगर वोल्टेज स्टेबलाइजर नहीं लगा होगा तो वोल्टेज के अस्थिरता (उतार -चढ़ाव ) के कारण हमारा इलेक्ट्रिक उपकरण खराब या जल जायेंगे।
कार्य प्रणाली - वोल्टेज स्टेबलाइजर एक (स्टेपअप और स्टेप्डाउन ) ट्रांसफार्मर की तरह काम करता है ,वोल्टेज स्टेबलाइजर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेगुलेटर के द्वारा वोल्टेज को कण्ट्रोल करता है ,इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेगुलेटर वोल्टेज स्टेबलाइजर में लगे ऑटोट्रांसफ़ॉर्मर और ट्रांजिस्टर के माध्यम से वोल्टेज को स्थिर (Constant) करके रखते है , अगर हमारा इनपुट सप्लाई वोल्टेज कम या ज्यादा है तो हमारा स्टेबलाइजर ऑटोट्रांसफ़ॉर्मर के द्वारा वोल्टेज को स्टेपअप स्टेप्डाउन कर के स्थिर मान ( आवश्यक वोल्टेज -230 V ) पर ले कर आ जाता है
Type of Voltage stabilizer , स्टेबलाइजर कितने प्रकार के होते है -
1. Manual Operated or Rotary Type Voltage स्टेबलाइजर- इस प्रकार के स्टेबलाइजर में वोल्टेज के ज्यादा या कम होने पर इसमें लगे रोटरी स्विच को हाथ द्वारा घुमाकर आवश्यक वोल्टेज (230 V ) प्राप्त करते है , इस स्टेबलाइजर में एक ट्रांसफार्मर लगा रहता है जिसकी वाइंडिंग में बहुत सारे टैपिंग निकली होती है ,और यह टैपिंग एक बैटरी और रोटरी स्विच द्वारा कनेक्ट रहती है और इसी रोटरी स्विच को घुमाकर हम वोल्टेज को कण्ट्रोल करते है,इस स्टेबलाइजर में वोल्टेज ज्यादा या काम होने पर autocut स्विच द्वारा सप्लाई ऑफ हो जाने पर हमें रोटरी स्विच को घुमाकर सेट करना पड़ता है तब जा कर हमें स्थिर वोल्टेज प्राप्त होती है।
2. Automatic stabilizer - इस प्रकार के स्टेबलाइजर में वोल्टेज ऑटो में मतलब अपने आप हो कण्ट्रोल होता है हमें इसे मैनुअल में ऑपरेट करने की कोई आवश्यकता नहीं होती क्यों की यह स्वयं हो वोल्टेज को नियंत्रित करता है , इसके द्वारा हम लगभग 22 वाल्ट तक की वोल्टेज को कम या ज्यादा पर्ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है ,इसके द्वारा हमें आउटपुट वोल्टेज हमेशा स्थिर (constant ) मिलता है।
3. Auto-Cut Stabilizer - इस प्रकार के स्टेबलाइजर का संरचना (निर्माण ) ही इस प्रकार किया जाता है की यह एक निश्चित रेंज की इनपुट वोल्टेज पर कार्य करे , उदहारण के लिए मान लो आगे हमारी इनपुट वोल्टेज 160 वोल्ट से कम या 260 वोल्ट से ज्यादा है तो यह अपने आप ही सप्लाई को बंद कर देता है।
वोल्टेज स्टेबलाइजर का चयन -
दोस्तों अब हम यह चर्चा करेंगे की हमें अपने घर की लियें कितने पावर का (KVA ) की स्टेबलाइजर की आवश्यकता होती है तो इसका वैल्यू निकालने के लिए सबसे पहले हमें अपने घर में लगे टोटल लोड (जो स्टेबलाइजर से कनेक्टेड हो ) को (kw ) को जोड़ना होगा फिर इनके द्वारा कितने एनर्जी की खपत (KW ) (consumption) होती है इसकी गणना (कैलकुलेशन ) करना होगा ,उदहारण के लिए हम मान केते है की हमारे घर का टोटल लोड 2KW है तो 2KW को हम WATT में कन्वर्ट कर लेते है - 2 x 1000= 2000 watt
हमारे घर की टोटल लोड 2000 वाट है ,और हमारी जो स्टेबलाइजर है वह KVA या VA में आती है ,तो इसके लिए एक आसान फार्मूला यह है की हमारे घर की टोटल लोड का 25% जोड़ने पर जो वैल्यू आएगी वह हमारी वोल्टेज स्टेबलाइजर की वैल्यू होगी
फॉर्मूले के अनुसार 2000 वाट के लिए हमें 2500 KVA Stabilizer की आवश्यकता होगी।
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