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What Is Electrical Contactor and How Its Work ?,Contactor क्या है और और यह कैसे काम करता है। .?

What is Contactor and how its work?, Contactor  क्या है और यह कैसे काम करता है। .?


                                                      3 पोल पावर Contactor 

दोस्तों आज हम इलेक्ट्रिकल Contactor   के  बारे में discussion  करेंगे और यह जानेंगे की यह क्या है और कैसे काम करता है ,अगर  किसी इलेक्ट्रिकल फील्ड या इंडस्ट्रीज में काम करते हो तो आप इसे ज़रूर जानते होंगे की यह हमारे इलेक्ट्रिकल कण्ट्रोल पैनल का कितना मुख्य पार्ट्स है इसके बिना हम किसी भी इलेक्ट्रिकल सप्लाई एंड उपकरण को कण्ट्रोल नहीं कर सकते ,लेकिन जो हमरे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के स्टूडेंट है उन्हें शायद इस बारे में न मालूम हो क्यों की इसके  बारे में शायद ही किसी सिलेबस  में दिया हो।
यहाँ पर हम 3 पोल पावर contactor को ले रहे है जो की  L&T कंपनी द्वारा बनाई गई  है है 

दोस्तों इलेक्ट्रिकल  contactor एक इलेक्ट्रिकली ऑपरेटेड मैग्नेटिक स्विच है  इसके दवारा हम किसी भी इलेक्ट्रिकल सप्लाई को कण्ट्रोल और मोटर या अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरण को ऑपरेट करते है

Contactor को  इलेक्ट्रिकल सर्किट  द्वारा कण्ट्रोल किया जाता है,इसके coil को ऑपरेट करने के लिए बहुत ही कम करंट की आवशयकता होती है।

Contactor  के स्पेयर पार्ट्स -  contactor में मुखयतः चार  पार्ट्स होते है। हमने यहाँ नीचे तीनो पार्ट्स के नाम और फोटो सहित दिए है जिसे देख कर आप लोग आसानी से समझ सकते है। 


1 .  Contactor  Coil
Contactor  Coil
                                                
                                          Contactor  Coil

ऊपर दिया गया  फोटो contactor का coil है इसके दो टर्निमल होती है A1 और  A2 ,जब इन दोनों टर्मिनल  पर इलेक्ट्रिकल सप्लाई दी जाती है तो यह मैग्नेटिक फील्ड बनाता है जिससे की हमारा कांटेक्टर वर्क करने लगता है। 
2 . मूविंग Contact (Moving Contact )
मूविंग कांटेक्ट 
यह  मूविंग कांटेक्ट  है जैसे ही coil activate होती है यह फिक्स्ड contact से संपर्क स्थापित कर लेता है जिससे की हमें कंटक्टर द्वारा आउटपुट प्राप्त होता है। 

3 . फिक्स्ड Contact  (Fixed Contact )

  फिक्स्ड  कांटेक्ट (Fixed कांटेक्ट )






यह फिक्स्ड कांटेक्ट है जब coil activate होती है तो यह मूविंग कांटेक्ट को अपनी और खींचता है ,
दोनों कांटेक्ट (Moving  & Fixed ) दोनों स्टील की कोर द्वारा बानी होती है। 
4.  प्रेशर स्प्रिंग (Pressure  Spring )
प्रेशर स्प्रिंग 
 यह प्रेशर स्प्रिंग है यह दोनों कांटेक्ट के बीच प्रेशर बनाये रखती है जिससे ही हमारे contactor  के टर्मिनल पर अच्छा दाब बना रहे। 

Working प्रणाली -

दोस्तों अब हम यहाँ पर यह समझेंगे की यह काम कैसे करता है -

जैसे ही हम contactor के coil (A1 & A2 )में इलेक्ट्रिकल सप्लाई देते है वैसे ही coil एक मैग्नेटिक फील्ड generate  करता है जिससे की contactor की moving Contact , Contactor की fixed contact की साइड आकर्षित होती है जिससे की contactor की पावर कांटेक्ट  closed पोजीशन में आ जाते है और हमें इसके द्वारा आउटपुट ससप्लाई प्राप्त होने लगती है ,यहाँ नीचे हमने कुछ वीडियो और फोटो दिए है जिसे देख कर आप लोगो को पूरी तरह इसकी कार्य प्रणाली समझ में आ जाएगी।


इस वीडियो में  contactor की कार्य प्रणाली को देख सकते है 



A1 & A2   टर्मिनल पर हम पावर सप्लाई (फेस & न्यूट्रल ) को कनेक्ट करते है 



कांटेक्टर के बैक साइड का फोटो 

यह कांटेक्टर के बैक साइड का फोटो यह यहाँ पर हम ऐसे देख  इसकी रेटिंग की जानकारी प्राप्त कर सकते है जैसे की इसकी करंट सहने की रेंज ,कितनी KW तक की मोटर के लिए उपयुक्त है ,इसकी COIL वोल्ट्ज की रेटिंग और यह कितने पोल की है इत्यादि। 


पोल के आधार पर Contactor के प्रकार ( Type of Contactor BY POle)

1. सिंगल पोल कांटेक्टर  (Single Pole Contactor)

2. डबल पोल कांटेक्टर  (Two Pole Contactor

3  थ्री पोल कांटेक्टर  ( Three Pole Contactor)

4 . फोर  पोल कांटेक्टर (Four Pole Contactor)

इन कांटेक्टर के coil की रेटिंग भी अलग अलग आती है ,  उदहारण के तौर पर हम कुछ coil  नीचे दे  है 

1 . 12 Volt AC/ DC

2. 24 Volt  AC/DC

3.36 Volt AC/DC

4. 110 Voilt AC/DC

5. 230 Voilt AC/DC

6. 415 Voilt AC/DC

Contactor का उपयोग  (Uses  Of Contactor )-

1.इसका उपयोग बड़ी रेटिंग और छोटी रेटिंग दोनों तरह की मोटरो के परिचालन (बंद  और चालू )  के लिए किया जाता है 
2.   थर्मल वाष्पीकरणकर्ता यंत्र में 
3.  कपैसिटर  बैंक में 
4.  मैग्नेटिक स्टार्टर में 
5. इलेक्ट्रिकल कण्ट्रोल पैनल में 
6. स्ट्रीट लाइटों को कण्ट्रोल करने में 

और भी बहुत सारे इलेक्ट्रिकल उपकरणों को कण्ट्रोल करने में उपयोग होता है।  



 



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