Why use star delta starter..? स्टार -डेल्टा स्टार्टर क्या है और यह कैसे काम करता है .?
हेलो दोस्तों आज हम इस ब्लॉग में स्टार -डेल्टा स्टार्टर के बारे में चर्चा करेंगे और यह जानेंगे की यह क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है साथ ही हम इसके पावर सर्किट और कण्ट्रोल सर्किट भी बनेंगे।
दोस्तों स्टार -डेल्टा स्टार्टर का उपयोग 10HP से ज्यादा पावर की मोटर में किया जाता है ,क्यों की इन मोटरो का स्टार्टिंग करंट ज्यादा होता है अगर हम 10HP से ज्यादा पावर की मोटर को DOL स्टार्टर से चलाएंगे तो यह अपने फुल लोड करंट से 5 से 7 गुणा करंट ज्यादा लेगी जिससे की हमारी वाइंडिंग की Coil गरम होकर जल जाएगी ,अतः मोटर की स्टार्टिंग करंट और टॉर्क को कम करने के लिए स्टार -डेल्टा स्टार्टर का उपयोग किया जाता है।
working प्रणाली - स्टार्ट -डेल्टा स्टार्टर द्वारा सबसे पहले मोटर को स्टार में स्टार्ट किया जाता है ,स्टार में मोटर को कम वोल्टेज पर चलाया जाता है और इस समय इसका टॉर्क (घूर्णन गति ) भी कम रहती है और जैसे ही मोटर अपने फुल टॉर्क (घूर्णन गति ) पर घूमने लगती है वैसे ही मोटर को डेल्टा पर कनेक्ट कर दते है। अतः.इस स्टार्टर में मोटर को दो कनेक्शन द्वारा ऑपरेट किया जाता है ,1. - स्टार कनेक्शन ,2 - डेल्टा कनेक्शन।
स्टार - डेल्टा (star -delta starter )स्टार्टर पावर सर्किट डायग्राम -
Connection Diagram of Star-Delta Starter |
स्टार -डेल्टा स्टार्टर की वायरिंग थोड़ी कठिन है लेकिंग थोड़ी से मेंहनत कर के आप लोग इसकी कनेक्शन कर सकते हो
तो आइये हम इसमें लगने वाले इलेक्ट्रिकल पार्ट्स के बारे में बताते है -
1. MCB/MCCB - 01 no.
2. Three Pole power Contactor - 03 no.
3. NO Push Button switch - 01 no.
4. NC Push button switch - 01 no.
5.Electronic Timer - 01 No.
6. Auxiliary contact - 03 no.
7. single core cu. cable ( for wiring - red,yellow,& Blue color )
8. Over Load Relay -01 No.
दोस्तों इस स्टार -डेल्टा स्टार्टर में हम तीन कंटक्टर का उपयोग करते है क्यों की इसमें मोटर पहले स्टार में चलती है फिर कुछ समय बाद डेल्टा में चलने लगती है।
नोट - टाइमर का कनेक्शन हम पावर सर्किट में नहीं करते है इसका कनेक्शन कण्ट्रोल वायरिंग में होता है जो की इस ब्लॉग में आगे है।
चित्र के अनुसार A - मुख्य (MAIN )कॉन्टैक्टर , B - डेल्टा कॉन्टैक्टर ,C - स्टार कॉन्टैक्टर
तो सबसे पहले हम तीनो फेस (R,Y,B) को हम MCB /MCCB में कनेक्ट कर देते है फिर इसके ऑउटपुट से तीनो फेज़ को मुख्य (A ) कंटक्टर के टर्मिनल से कनेक्ट कर देते है फिर मुख्य (A ) कंटक्टर के इनपुट से ही एक और तीन फेस लेकर इसे डेल्टा वाले कॉन्टैक्टर (B ) के इनपुट टर्मिनल पर कनेक्ट कर देते है ,फिर डेल्टा कंटक्टर (B ) के आउटपुट टर्मिनल से तीन फेस को हम स्टार कॉन्टैक्टर (C ) के आउटपुट टर्मिनल से कनेक्ट कर देते है और स्टार कंटक्टर (C ) के इनपुट के तीनो टर्मिनल को शार्ट (आपस में एक दूसरे से लूप ) कर देते है ,अब मुख्य (A )कांटेक्टर आउटपुट टर्म,टर्मिनल को ओवरलोड रिले के इनपुट टर्मिनल से कनेक्ट कर देते है और ओवरलोड रिले के आउटपुट टर्मिनल से तीनो फेस को हम मोटर के वाइंडिंग के पहले टर्मिनल (U1,V1,W1) से कनेक्ट कर देते है ,ठीक इसी प्रकार डेल्टा कांटेक्टर (B ) के आउटपुट टर्मिनल से तीन फेस को मोटर वाइंडिंग के दूसरे टर्मिनल (U2,V2,W2)से कनेक्ट कर देते है।
अब हम स्टार -डेल्टा स्टार्टर के कण्ट्रोल वायरिंग का सर्किट डाइग्राम बनायेंगे -
Electrical circuit Diagram of star-delta starter |
1. NO Push Button switch
2. NC push button switch
3.Three Pole power Contactor - 03 no.
4.Electronic Timer - 01 No.
5.Auxiliary contact - 03 no.
6.Over Load Relay -01 No.
संक्षेप में वायरिंग - सबसे पहले हमें कण्ट्रोल सप्लाई की फेस को ओवरलोड रिले के NC पॉइंट (95 )की टर्मिनल से कनेक्ट करते है फिर इसके बाद इसी के आउटपुट टर्मिनल से (96) NC पुश बटन के इनपुट टर्मिनल पर कनेक्ट कर देते है फिर NC पुश बटन के आउटपुट टर्मिनल से हम NO स्विच के इनपुट टर्मिनल पर कनेक्ट कर देते है साथ ही इसी इनपुट टर्मिनल से हम मुख्य (MAIN )कंटक्टर के Auxiliary कांटेक्ट के NO पॉइंट पर कनेक्ट कर देते है और इसी NC के आउटपुट से हम NO पुश बटन के आउटपुट टर्मिनल से कनेक्ट कर देते है और इसी के आउटपुट टर्मिनल से टाइमर के coil (A 1 ) को कनेक्ट कर देते है ,टाइमर का A 1 टर्मिनल से टाइमर का 15 NO. टर्मिनल आपस में लूप कर देते है ,फिर 15 नो. टर्मिनल को हम मुख्य (MAIN ) कॉन्टैक्टर के coil (A 1 )को हम कनेक्ट कर देते है ,फिर टाइमर के NC पॉइंट (16 no .) को डेल्टा कंटक्टर के auxiliary कांटेक्ट के NC पॉइंट के इनपुट से कनेक्ट कर देते है और इसी के आउटपुट से हम स्टार कंटक्टर के coil (A 1 ) को कनेक्ट कर देते है ,और ठीक इसी प्रकार टाइमर के NO पॉइंट (18 no. ) से हम स्टार कंटक्टर के auxiliary कांटेक्ट के NC पॉइंट के इनपुट टर्मिनल से कनेक्ट कर देते है और इसी NC के आउटपुट टर्मिनल से हम डेल्टा कंटक्टर की COIL को (A 1 ) को कनेक्ट कर देते है , और अंतिम में जितने भी A2 टर्मिनल (कंटक्टर & टाइमर ) सब को न्यूट्रल से कनेक्ट कर के वायरिंग को पूर्ण कर लेते है।
वर्किंग प्रणाली - जैसे ही हम ON पुश बटन को प्रेस (दबाते है ) वैसे ही हमारा स्टार्टर की मुख्य (MAIN) कंटक्टर ,टाइमर और स्टार कंटक्टर एक साथ ON हो जाते है और हमारी मोटर स्टार में स्टार्ट हो जाती है लेकिन कुछ सेकंड के बाद (जो टाइम हमने टाइमर में सेट किया है ) स्टार कंटक्टर ऑफ हो जाता है और उसी समय डेल्टा कंटक्टर ON हो जाता है जिससे की हमारी मोटर डेल्टा में कनेक्ट होकर फुल स्पीड में स्टार्ट हो जाती है।
इसमें टाइम का काम स्टार्टर को स्टार से डेल्टा में करना होता है ,और Auxiliary कांटेक्ट को कंटक्टर होल्ड और सेफ्टी (सुरक्षा ) के लिए दिया गया है जिससे की जब मोटर कंटक्टर की सप्लाई आपस में शॉट -सर्किट न हो ,मतलब की जब स्टार कंटक्टर on हो तो डेल्टा का कंटक्टर इसके बंद होने के बाद ही ऑपरेट होना है इसी लिए auxiliary कांटेक्ट का (NO & NC ) पॉइंट का उपयोग किया गया है
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