Why Earthing Pin Thick & Long, अर्थिंग पिन मोटी और लम्बी क्यों होती है ,थ्री पिन प्लग & सॉकेट
हेलो दोस्तों आज हम इस ब्लॉग पर थ्री पिन प्लग और सॉकेट के टर्मिनल के बारे में चर्चा करेंगे।
आप सभी लोगो ने ज़रूर थ्री पिन प्लग और सॉकेट को देखा और उपयोग भी किया होगा ,यह लगभग हर घरो में इलेक्ट्रिकल बोर्ड में इलेक्ट्रिकल उपकरणों को चलाने में किया जाता है।
३ पिन प्लग |
3 पिन सॉकेट |
इसे देख कर आप लोगो के मन में बार ज़रूर यह विचार आया होगा की इस थ्री पिन प्लग के दो पिने पतली और छोटी होती है लेकिंग इसकी तीसरी पिन इतनी मोटी और लम्बी क्यों होती है, और जो सॉकेट है उसके दो होल (छेद) कम पतले और तीसरी छेद चौड़ी क्यों होती है।
तो दोस्तों आज हम यही समझने की कोशिश करेंगे की ऐसा क्यों होता है। .?
3 पिन प्लग |
यहाँ पर हम देख सकते है यह एक थ्री पिन प्लग है ,इस प्लग की बाएं साइड (जहा पर L लिखा हुआ है )वह हमारी मैन (मुख्य) सप्लाई अथार्थ फेस टर्मिनल है ,और दाहिने साइड जहा पर N लिखा हुआ है वह हमारी न्यूट्रल टर्मिनल है ,और ऊपर की साइड जहां पर E लिखा हुआ है वह हमारी अर्थिंग टर्मिनल है ,इस चित्र में आप साफ -साफ देख सकते है की इसकी जो अर्थिंग की टर्मिनल है वह बाकि अन्य दोनों टर्मिनल से काफी ज्यादा मोटी और लम्बी है
ऐसा इसलिए होता है दोस्तों की अगर जब हमें किसी इलेक्ट्रिक उपकरण को चलाने के लिए जब हम सॉकेट में थ्री पिन प्लग को अंदर लगाएँ तो सबसे पहले हमारे अर्थिंग की टर्मिनल कनेक्ट हो और उसके बाद बाकि दोनों टर्मिनल ,अर्थिंग पिन पहले कनेक्ट होने से सबसे बड़ा फायदा यह है की मन लो अगर हमारा उपकरण में कोई भी करंट लीकेज हो तो इस लीकेज करंट को अर्थिंग टर्मिनल अर्थ में ले जाकर डिस्चार्ज कर देता है जिससे हमें उस उपकरण को छूने से कोई भी करंट नहीं लगता है ,और हमारी उपकरण भी सुरक्षित रहती है ,
ठीक उसी तरह जब हम थ्री पिन प्लग को सॉकेट से डिसकनेक्ट करते है तो सबसे पहले हमारी फेज और न्यूट्रल की दोनों टर्मिनल बहार आती है और फिर बाद में अर्थिंग टर्मिनल डिसकनेक्ट होती है जिससे की यदि उपकरण की सर्किट में कोई भी चार्ज करंट उपस्थित हो तो वह अर्थिंग टर्मिनल द्वारा अर्थ में जाकर डिस्चार्ज हो जाये
तो फिर दोस्तों अब तो आप लोगो को समझ में आ ही गया होगा की थ्री पिन प्लग की अर्थिंग टर्मिनल लम्बी क्यों बनाई जाती है
अब हम अपने टॉपिक पर आते है की अर्थिंग टर्मिनल की साइज बाकि दो अन्य टर्मिनल से मोती क्यों होती है।
अर्थिंग टर्मिनल को मोटा करने के दो कारण है
पहला कारण - दोस्तों जैसा की हम जानते है की किसी भी कंडक्टर का साइज अगर ज्यादा हो तो उसका रेजिस्टेंस कम और साइज कम हो तो उसका रेजिस्टेंस ज्यादा रहता है ,और अच्छी अर्थिंग के लिए कंटक्टर (चालक) का रेजिस्टेंस जितना ज्यादा हो उतना अच्छा होता है जिससे की हमारे उपकरण में जो भी लीकेज हो तो वह तुरंत उस माध्यम से अर्थ में जाकर डिस्चार्ज हो जाये ,
तो दोस्तों हमारे अर्थ टर्मिनल के मोटे होने से इसका रेजिस्टेंस बाकि दो अन्य टर्मिनल से काम होता है जिससे की लीकेज करंट आसानी से अर्थ टर्मिनल द्वारा डिस्चार्ज हो जाये
दूसरा कारण - दूसरा सबसे बड़ा कारण यह है की सिर्फ इलेक्ट्रीशियन को ही मालूम होता है की कौन से टर्मिनल किसकी है ,और इसका उपयोग लगभग सभी घरो में होता है इसका साइज मोटा बनाए का यही कारण है की अगर कोई व्यक्ति प्लग को गलत तरीके से लगाए तो वह सॉकेट के अंदर न जाये ,अतः साधारण शब्दों मे अगर कोई व्यक्ति अर्थ टर्मिनल को फेज या न्यूट्रल के होल में डालने की कोशिश करेगा तो वह सॉकेट के होल में नहीं जाएगी जिससे की हमारे उपकरण को सप्लाई नहीं मिलेगी ,जैसे की वह व्यक्ति और उपकरण दोनों ही इलेक्ट्रिक शॉक से सुरक्षित रहेंगे।
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