What is DOL starter ?, DOL स्टार्टर क्या है और यह कैसे काम करता है ?
हेलो दोस्तों आज हम DOL स्टार्टर के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे की यह क्या है और कैसे काम करता है.
दोस्तों DOL एक स्टार्टर है जो की इंडक्शन मोटर को स्टार्ट (चालू ) करने के लगाया जाता है ,इसका पूरा नाम डायरेक्ट ऑन लाइन (Direct On Line ) स्टार्टर है।
इसका उपयोग हम कम रेंज की मोटरो अथार्थ 7. 5 kw या 10HP तक या उससे कम पावर की मोटर में करते है ,क्यों की इस स्टार्टर से हम स्टार्टिंग करंट को कम नहीं कर सकते इसलिए ज्यादा पावर की मोटर में इसका उपयोग करते है।
DOL स्टार्टर working - यह एक बहुत सिंपल स्टार्टर है इसे आसानी से घर पर बना सकते है ,इसमें एक MCB ,एक contactor ,और एक ओवरलोड रिले लगी , मोटर में कोई भी फाल्ट आने पर ओवरलोड रिले द्वारा contactor की सप्लाई को बंद कर दिया जाता है।
मोटर को स्टार्ट करने के लिए स्टार्टर में ग्रीन (हरा ) कलर का पुश बटन और बंद करने के लिए रेड (लाल ) कलर का पुश बटन दिया जाता है और contactor को hold करने के लिए auxiliary contact (Add -on ब्लॉक ) लगाया जाता है।
नीचे हमने उन सामग्रियों की लिस्ट दी है जो DOL स्टार्टर में लगते है इसे आप लोग भी इलेक्ट्रिकल शॉप से खरीद कर बना सकते है -
1. MCCB / MCB
2 NO कांटेक्ट element
3 NC कांटेक्ट element
4 . Contactor with Auxiliary Contact (Add -on ब्लॉक )
5 . ON पुश बटन (ग्रीन कलर कलर )
6 . OFF पुश बटन (रेड कलर )
7 . ओवरलोड रिले
अब हम थ्री फेस इंडक्शन मोटर के लिए DOL स्टार्टर की पावर वायरिंग करना सीखेंगे
DOL स्टार्टर की पावर वायरिंग |
DOL स्टार्टर की पावर वायरिंग |
ड्राइंग के अनुसार dol स्टार्टर के पावर वायरिंग के लिए सबसे पहले हम सप्लाई के तीनो फेज़ (R,Y,B,) थ्री पोल MCB या MCCB से कनेक्ट करते है इसके बाद इसके आउटपुट (MCB /MCCB ) टर्मिनल से तीनो फेस को हम Contactor के इनपुट टर्मिनल से कनेक्ट देते है फिर contactor आउटपुट टर्मिनल से ओवरलोड रिले को कनेक्ट कर देते है और फिर ओवरलोड रिले के आउटपुट से तीन फेस को इलेक्ट्रिक केबल द्वारा मोटर से कनेक्ट कर देते है।
अब हम DOL स्टार्टर की कण्ट्रोल वायरिंग सीखेंगे और यह देखेंगे की यह कैसे ऑपरेट होती है -
DOL स्टार्टर की कण्ट्रोल वायरिंग |
B = NC कांटेक्ट
C = Auxiliary कांटेक्ट (add -ऑन ब्लॉक )
D = NO कांटेक्ट
K1 = contactor का coil
230 = कण्ट्रोल सप्लाई (फेस)
N = न्यूट्रल
दोस्तों dol स्टार्टर की कण्ट्रोल वायरिंग करने के लिए सबसे पहले हमें कण्ट्रोल सप्लाई (फेस ) से एक वायर कनेक्ट करते है फिर इसे वायर को हम ओवरलोड रिले के NC टर्मिनल के इनपुट सिरे(95 ) पर कनेक्ट कर देते है (रिले में nc पॉइंट 95 & 96 होता है ) और इसके आउटपुट टर्मिनल (96 )से एक वायर को कनेक्ट करते हुए हम इसे NC कांटेक्ट के इनपुट टर्मिनल पर कनेक्ट करते है फिर NC कांटेक्ट के आउटपुट से हम दो वायर को कनेक्ट कर देते है जिसमे के पहली वायर सीधे कंटक्टर Coil के A1 टर्मिनल से कनेक्ट कर देते है और दूसरी वायर को हम Auxiliary कांटेक्ट (Add -ऑन ब्लॉक ) के NO पॉइंट के इनपुट टर्मिनल पर कनेक्ट कर देते है और इसके आउटपुट से एक केबल कनेक्ट करते हुए इसे भी कंटक्टर के coil पर कनेक्ट करते है और दोस्तों इसे के द्वारा ही हमारा कंटक्टर hold होता है।
अब जैसे ही हम NO कांटेक्ट को पुश बटन द्वारा पुश करते है तो हमारा कंटक्टर ON हो जाता और ON पुश बटन को छोड़ने के बाद भी हमारा कंटक्टर ऑफ नहीं होता है इसका मुख्य कारण Auxiliary कांटेक्ट (Add -ऑन ब्लॉक ) है क्यों की जैसे हम ON पुश बटन को छोड़ते है तो इसके द्वारा सप्लाई बंद हो जाती है लेकिन जो Auxiliary कांटेक्ट (Add -ऑन ब्लॉक ) का NO पॉइंट NC में आ जाता है जो की कंटक्टर को HOLD करके रखती है और कंटक्टर को बंद करने के लिए हमें NC पुश बटन का प्रयोग करना पड़ता है और जैसे ही हम दबाते है वैसे ही हमारा कांटेक्टर बंद हो जाता है।
DOL स्टार्टर के फायदे , Advantages of DOL Starter -
1. यह सस्ता होता है
2. आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है
3. इसकी वायरिंग बहुत ही आसान है
4. किसी भी फाल्ट ऑफ़ आसानी से दूर किया जा सकता है इसका मेंटेनेंस भी कम है।
५. जैसे ही हम dol स्टार्टर को on करते है वैसे ही हमें 100 % टॉर्क प्राप्त होता है
6. यह स्टार्टर on होते ही १०० % करंट देता है।
DOL स्टार्टर की हानियाँ , Disadvantages of DOL Starter -
1. जैसे ही हम स्टार्टर को चालू करते है वैसे ही सप्लाई वोल्टेज काम हो जाती है जिसका प्रभाव इस सप्लाई से जुड़े अन्य उपकरणों पर पड़ता है।
२. इसकी स्टार्टिंग करंट को काम नहीं किया जा सकता और इसकी स्टार्टिंग सुररेंट भी बहुत ज्यादा होती है लगभग 5 से 7 गुणा।
3 . dol स्टार्टर में बिना लोड के भी स्टार्टिंग टॉर्क बहुत ज्यादा होती है
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